शनिवार, 14 अक्तूबर 2017

इन दिनों ये हालत है इंडिआ की

इन दिनों ये हालत है इंडिआ की 

(१ )कहीं से किसी इमारत की कोई ईंट दरक जाए ,वहां से पांच मोदी बेटर्स- निकलते हैं। 

(२ )कहीं आंधी अंधड़ से भी किसी घौंसले से कोई चिड़िया का अंडा गिरके टूट जाए ,कुछ सेकुलर किस्म के प्राणि कहने लगते हैं ,इसके पीछे अमितशाह और मोदी का हाथ है। 
(३ )'सरकार ने जीना हराम कर दिया है' -एक साहब बुदबुदा रहे थे मेरे दफ्तर को लिखकर सरकार को मेरी उठ -बैठ संबंधी आरटीआई मांगने की क्यों जरूरत है ?मैंने सरकार का क्या बिगाड़ा है ?इन्हें लगता है सरकार इनके पीछे पड़ी है ,इन्हें कोई बड़ी सज़ा होने वाली है। कई तो मेरे घर -दफ्तर के लोग भी इस षड्यंत्र में शामिल दीखते है। 

 अपने आप को बड़ा महान आदमी मान ने लगें हैं ये साहब ,अपने महान होने का भरम फीलिंग आफ ग्रान्डियासिटी पाले बैठे हैं ये ज़नाब । इन्हें नहीं मालूम यह 'शिजोफ्रेनिक- बिहेवियर 'और 'बाइपोलर -इलनेस' की उत्तेजन वाली अवस्था का एक ख़ास लक्षण है। लिटमस पेपर टेस्ट है।
(४ )इधर एक शहज़ादा अखिल भारतीय  देवदर्शन यात्रा पर निकल चुका है एक दिन में पांच- पांच  मंदिरों में भगवान् के आगे जाकर इस सरकार का रोना रो रहा है। 
(५ )पूर्व में इनके कई पालतू पाकिस्तान जाकर यही रोना रो आये थे। मोदी हटाओ हमें लाओ। 

https://www.youtube.com/watch?v=2RzdnlVzAgA

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